प्रथम सुख निरोगी काया हेतु दैनिक चर्याचर के दस नियम [ Life style for healthy living in 10 steps ]
1. प्रत्येक नाश्ता / भेजन के आधा घंटा पूर्व एक ग्लास और भोजन के एक घंटा बाद पानी पीना । पाचन क्रिया के लिए हितकर और वात रोग ( वायु रोग ) का एक मात्र निदान है । भोजन से पहले तीन बार हाथ जोड़ कर अन्न दाता ( किसान , व्यापारी , रसोईया ) को मानसिक प्रणाम करते हुए अन्नदाता सुखिनो भवन्तु कहना चाहिए । भोजन करते करते या 45 मिनट के अंदर 1 घूंट पानी से गला साफ करके 5-10 पानी पीना अहितकर है । भोजन समाप्ति के बाद मिनट तक बजासन पर बैठ जायें ।
2. रात्री भोजन के आधा घंटा बाद थोड़ा गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी चूर्ण ( गुड़ / चीनी जरूरत के अनुसार ) पीयें । शरीर में प्रतिरोधक शक्ति बढ़ेगी और आधा घंटा बाद पानी पीकर सोने की तेयारी करें ।
3 . सोने से पहले दांत , जीम की सफाई जरूर करें । नींद न आने ( अनिद्रा ) में S.A.D. ( Smoking Alcohol Drug ) का सहारा न लें अन्यथा आप M.A.D. ( Mental Activity Disorder ) की अवस्था में चले जाएंगे । इससे बचने के लिए आप बिछावन पर शवासन में लेट कर श्वास - प्रश्वास ( जपा - अजापा ) अपने नासिका पर मानसिक ध्यान देते हुए , 30 बार पूरक रोचक ( Slow Breathing dighragmatic ) करें । आप गहरी नींद में चले जाएंगे ।
4. प्रातः नींद खुलने पर दोनों हथेली को रगड़कर अपने गुरू अराध्य को प्रणाम करें , मंत्रोच्चारण के साथ - • कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती , करमूले तु गोविंदा प्रभाते कर दर्शनम । उसके बाद पूरे शरीर को उपर से नीचे तीन बार स्ट्रेच करें ओर बायें करवट लेकर बैठ जायें । इस तरह प्रभु की याद में दया बरसेगी ।
5. चन्द्र नाड़ी ( बायां नासीका ) स्वर चलने पर बायां पैर या सूर्य नाड़ी ( दाया ) स्वर चलने पर दायां पैर सर्वप्रथम भूमि माता पर रखें और प्रणाम करें धरती मां ( SOIL- Source of Infinite Lives ) को । इसके बाद अपने मां पिता श्री को चरण स्पर्श या स्वर्गवासी को मानसिक प्रणाम करें । अपमान – अनादर में माता पिता के हृदय से आह और सम्मान / आदर में आर्शिवाद ही आपको प्राप्त होता है ।
6. अब ताम्बा के बर्तन में रात का रखा हुआ पानी ( गरम ) 4 ग्लास खाली पेट में पीकर 15 बार ताड़ासन करें ( शुरूआत में न संभव हो तो प्रथम सप्ताह 1 ग्लास क्रमशः बढ़ाते बढ़ाते चौथा सप्ताह में 4 गिलास पानी पीने का अभ्यास करे ) । बेड टी , धूम्रपान बिना ही टॉयलेट जाने का प्रेशर बढ़ेगा और पेट की सफाई हो जायेगी । इस तरह कब्ज धीरे धीरे भाग जायेगा ।
7. संभव हो तो ब्रहम् महुर्त देव स्नान ( सूर्योदय पूर्व ) करने का प्रयास करें , वैदिक विधि से देव ऋषि को तर्पण देते हुए ।
8. आसन प्रणायाम सुबह टहलने के बाद या पहले करें कम से कम एक घंटा । आप शेष 23 घंटा तरो ताजा उर्जावान रहेंगे । ( करे योग रहें निरोग )
9. नास्ता से पहले खाली पेट में सर्वप्रथम पांच - पांच ( गोलकी दाना , तुलसी , नीम , बेल - पत्ता , हुडहुल ( लाल ) ) फुल को पीस कर या चबा कर दो चम्मच शहद के साथ खा लें । नास्ता में अंकुरित मुंग , मेथी सुखा फल दो दाना बादाम अखरोट काजू खजूर को संभव हो तो शामिल
10. द्वितीय सुख घर में हो थोड़ी माया हेतु आप Go On Duty ( GOD ) में लग जायें दूसरों के हित को देखते हुए भला करें लाभ आपको प्रभु देंगे ।
।।ओम शान्ति ओम ।।
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